परवीन शाकिर के मशहूर शेर



परवीन शाकिर के 10 मशहूर शेर-

1.

हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ 

दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं


2.

मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगी 

वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा


3.

वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी 

इंतिज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे


4.

चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया 

इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया


5.

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने 

बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की


6.

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी 

दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी


7.

वो मुझ को छोड़ के जिस आदमी के पास गया 

बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता


8.

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है 

जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की


9.

दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं 

देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन


10.

यूँ बिछड़ना भी बहुत आसाँ न था उस से मगर 

जाते जाते उस का वो मुड़ कर दोबारा देखना


11.

लड़कियों के दुख अजब होते हैं सुख उस से अजीब 

हँस रही हैं और काजल भीगता है साथ साथ







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