"बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं"- A Message BY SHIVANKIT TIWARI "SHIVA"
हमारे समाज में फैली पुरानी मान्यताओं व कुरीतियों के चलते हुए बेटियों को आज भी हीन दृष्टि से देखा जाता है जो कि गलत है आज भी लोगों को बेटियों का असली महत्व नहीं पता आज भी लोग इस वास्तविकता से अनजान हैं और पुरानी मान्यताओं के वहम में बेटियों को बराबर का हक नहीं दे पाते हैं जो की बिल्कुल गलत है आज बेटियाँ वैश्विक स्तर पे वो सारे कार्य कर रही है जिसे आज भारत के बेटे नही कर पा रहे है,बेटियाँ हमारी आज देश-भर को गौरवान्वित कर रही है,अपने सराहनीय कामों से भारत भूमि को नई पहचान,नया स्वरूप दे रही हैं
आज अगर हमें भारतीय परम्पराओं,भारतीय संस्कृति,सभ्यता और भारत देश को बचाना है तो हमें भारत देश की बेटियों को बचाना होगा,उन्हें गर्भ में ही सुरक्षित रखना होगा,उन्हें बाह्य दानव रूपी दरिन्दों से बचाना होगा,उनका महत्व को समाज को,देश को बताना होगा।
भ्रूण हत्या को बन्द कर इसपे कानून व्यवस्था को मजबूती प्रदान करना होगा,बलत्कार जैसे घिनौने कृत्य के लिये हवसी दरिन्दों को कानून द्वारा सीधे सजा-ए-मौत का ऐलान किया जायेगा तब जाके कही हमारी बेटियाँ सुरक्षित हो सकेगी और भारत देश की संस्कृति और सभ्यता रूपी बगिया फिर से खिल उठेगी !!
बेटी-बचाओं,बेटी-पढ़ाओं के समर्थन में मेरी चंद पंक्तियां प्रस्तुत हैं :-
शुभ, मंगल, यश-कीर्ति है बेटी,
प्रेम-त्याग की मूर्ति है बेटी,
सत्य-शील, अनुशासन, सदगुण,
सरल मधुर संगीत है बेटी,
बेटी है अनमोल खजाना,
ऋषि-मुनियों देवताओं ने भी माना,
बेटी है अब हमें बचाना,
बेटी काे अब हमें पढ़ाना,
बेटी को है अब समाज में,
यथा-उचित सम्मान दिलाना !!!
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ----
-शिवांकित तिवारी
युवा कवि,लेखक एवं प्रेरक
आज अगर हमें भारतीय परम्पराओं,भारतीय संस्कृति,सभ्यता और भारत देश को बचाना है तो हमें भारत देश की बेटियों को बचाना होगा,उन्हें गर्भ में ही सुरक्षित रखना होगा,उन्हें बाह्य दानव रूपी दरिन्दों से बचाना होगा,उनका महत्व को समाज को,देश को बताना होगा।
भ्रूण हत्या को बन्द कर इसपे कानून व्यवस्था को मजबूती प्रदान करना होगा,बलत्कार जैसे घिनौने कृत्य के लिये हवसी दरिन्दों को कानून द्वारा सीधे सजा-ए-मौत का ऐलान किया जायेगा तब जाके कही हमारी बेटियाँ सुरक्षित हो सकेगी और भारत देश की संस्कृति और सभ्यता रूपी बगिया फिर से खिल उठेगी !!
बेटी-बचाओं,बेटी-पढ़ाओं के समर्थन में मेरी चंद पंक्तियां प्रस्तुत हैं :-
शुभ, मंगल, यश-कीर्ति है बेटी,
प्रेम-त्याग की मूर्ति है बेटी,
सत्य-शील, अनुशासन, सदगुण,
सरल मधुर संगीत है बेटी,
बेटी है अनमोल खजाना,
ऋषि-मुनियों देवताओं ने भी माना,
बेटी है अब हमें बचाना,
बेटी काे अब हमें पढ़ाना,
बेटी को है अब समाज में,
यथा-उचित सम्मान दिलाना !!!
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ----
-शिवांकित तिवारी
युवा कवि,लेखक एवं प्रेरक
बहुत सुंदर 👍😊
ReplyDeleteधन्यवाद भाई मेरे
Deleteबहुत बढ़िया
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